हज़ारों लोगों का “Free The Amazon” मार्च, Fossil Fuel का ‘जनाज़ा’

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

ब्राज़ील के बेलेम शहर में चल रही COP30 Climate Conference के बीच सड़कों पर ऐसा माहौल बना कि लगता था कि पर्यावरण ही अब अपनी “Breaking News” बना रहा है। हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी “Free The Amazon” के नारे लगाते हुए मार्च निकालते दिखे—और कई लोगों ने Fossil Fuel का “जनाज़ा” निकाल कर माहौल में हल्का व्यंग्य और भारी संदेश दोनों घोल दिए।

3 साल बाद खुली Protest की आज़ादी

2021 के बाद यह पहली बार है जब किसी COP मीटिंग में प्रदर्शनकारियों को खुलकर मार्च की अनुमति मिली—क्योंकि पिछली तीन बैठकें ऐसे देशों में थीं जहां प्रदर्शन की इजाज़त लगभग उतनी ही थी जितनी फ्री वाई-फाई की सच्ची स्पीड।

बेलेम में इस बार माहौल लोकतांत्रिक भी था और नारा-प्रधान भी।

“Fossil Fuel का जनाज़ा निकाल रहे हैं हम”—प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम Fossil Fuel का जनाज़ा निकाल रहे हैं। COP में बातें बहुत हो गईं—अब असली एक्शन चाहिए।”
यानी दुनिया जल रही है और कुछ देशों की कार्रवाई उतनी ही धीमी है जितनी सरकारी फाइलें।

आदिवासियों से लेकर इंटरनेशनल एक्टिविस्ट तक—सबकी एक आवाज

इस विशाल मार्च में शामिल थे, ब्राज़ील के आदिवासी समुदाय यंग क्लाइमेट ग्रुप्स इंटरनेशनल कार्यकर्ता और वो लोग जिनका धैर्य अब जलवायु की तरह ही पिघल चुका है

“Fossil Fuel अब भी जल रहा है और इसके साथ हमारा भविष्य भी।” समोआ जैसे कम ऊंचाई वाले द्वीपों पर जलवायु परिवर्तन सीधे अस्तित्व का सवाल है, इसलिए उनकी बात चेतावनी नहीं, अलार्म बेल है।

COP30 की आधिकारिक मंशा क्या है?

UNFCCC के मुताबिक COP30 का उद्देश्य है— पिछली जलवायु प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाना, Carbon Cut पर ग्लोबल सहमति की कोशिश और वो सब काम जिन्हें करने में दुनिया अब तक “अगले साल से” वाला रवैया अपनाती रही है। इस बीच प्रदर्शनकारियों का कहना है— “आप चर्चा करते रहिए, हम दबाव बनाए रखेंगे।”

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